सेहत का पाठ पढ़ाने वाले गुरु ऐसी लाइफ जीते हैं
ऐसी लाइफ जीते हैं सेहत का पाठ पढ़ाने वाले गुरु जग्गी वासुदेव पिछले लगभग 25 बरसों तक जगत गुरु जग्गी वायुदेव करीब तीन से चार घंटे ही सो रहे हैं। उनका मानना है कि शरीर को नींद की नहीं, बल्कि चैन और आराम की जरूरत होती है। अगर आप पूरे दिन अपने शरीर को बहुत आरामदायक अवस्था में रखते हैं, अगर आपका काम, योग अभ्यास और आपका जीवन खुद में एक आरामदायक प्रक्रिया बन जाए, तो आपके नींद का कोटा स्वाभाविक रूप से कम हो जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर खाली पेट होने पर जग्गी वासुदेव की नब्ज़ देखें, तो वह 35 से 40 के बीच होगी। इसका मतलब है कि शारीरिक स्तर पर, उनका शरीर पूरी तरह आराम में रहता है। शरीर गहरी नींद में होता है, तो भी वह काम करने के लिए पूरी तरह जगे होते हैं। ईशा योग में जो शाम्भवी महामुद्रा सिखाई जाती है, उसका अभ्यास करने के कुछ हफ्तों में आपको एक बात का अनुभव होगा कि आपकी नब्ज़ की दर में आठ से दस की कमी आ जाएगी। शाम्भवी का मतलब है संध्याकाल यानी आप सो रहे हैं, पर जगे हुए हैं और जगे हुए हैं पर सो रहे हैं। योगी बनने के लिए यह जरूरी बुनियाद है। जागते हुए आपको पूरी तरह जागृत होना चाहिए, पर शरीर के मापद...